Interview of Ms. Meinal Vaishnav with NDTV
आपको कब लगा कि ‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ सीरियल में काम करना एक सही डिसीजन था?
मुझे कुछ ऑडिशंस देने के बाद ‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ’ में डॉ. स्नेहा माथुर का रोल मिला. उस वक़्त मुझे लगा था कि यह भी बाकी टेलीविज़न सीरियल्स जैसा ही एक होगा. लेकिन जब ‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ’ मेंकाम करने के बाद हम देश के अलग अलग गावों में शूटिंग के लिए गए और वहाँ लोगों से मिले, तब उनकी हालत देखकर और उनकी कहानियां सुनकर पता चला की इस शो का उनकी ज़िन्दगी पर क्या प्रभाव पड़ रहाहै. तब पहली बार ऐसा लगा जैसे ज़िन्दगी में कुछ अच्छा किया है और किसी की ज़िन्दगी मेरी वजह से थोड़ी से बेहतर हो पा रही है. अनजाने ही सही पर ज़िन्दगी ने मुझे किसी एक बड़ी मुहीम का हिस्सा बना दिया है.
क्याआपके जीवन में कभी ऐसी परिस्थिति आई जिसके बारे में आप सोच कर बुरा महसूस करती हों?
हर इंसान के जीवन में ऐसी कई परिस्थितियां आती है जिसे सोचकर वह बुरा महसूस करता है. मेरे जीवन में भी ऐसा समय आया जब मैं १८ साल की थी और मेरे परिवारवाले मेरी शादी कर देना चाहते थे, पर मैं आगेपढ़ लिखकर काम करना चाहती थी. अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत सारी लड़ाइयां लड़ने के बाद, आखिर घरवालों को मेरी ज़िद के सामने घुटने टेकने पड़े. मैं मानती हूँ की अपने परिवार वालों को दुःख पहुँचानागलत होता है, लेकिन जब आप सही हो तब आपको किसीके बारे में नहीं सोचना चाहिए. जब हम सही काम करते है, तब सब को यह एहसास हो जाता है की क्या सही है और क्या गलत.
वर्तमानसमय में इस समाज की कुरीतियों से लड़ने के लिए महिलाओं की क्या सोच होनी चाहिए?
वर्तमान समय में इस समाज की कुरीतियों से लड़ने के लिए महिलाओं को सबसे पहले यह समझना होगा की वे खुद दूसरी महिलाओं की दुश्मन न बने. हमे यह सोचना चाहिए की जिस दर्द से हम गुजरे है, उस दर्द सेकोई और न गुजरे. हम महिलाओं को अपनी काबिलियत पर भरोसा होना चाहिए – यह विश्वास होना चाहिए कि ‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ ‘ – मैं अपनी ज़िन्दगी सुधार सकती हूँ, अपने गाँव की स्थिति सुधार सक्ती हूँ – मैंदेश को बदल सक्ती हूँ. जिस दिन हम यह समझ जायेंगे की हमारी अपनी खूबियां है जो हमे बाकी सबसे अलग बनाती हैं, हम दूसरों से और अपने आप से प्यार करने लगेंगे जो की बहुत ज्यादा ज़रूरी है. इससे हम अपनेसाथ ही नहीं बल्कि दूसरों के साथ भी कभी गलत नहीं होने देंगे. इस तरह से दुनिया में गलत होना ही बंद हो जायेगा.
#MeToo कैंपेनमें देश की बड़ी हस्तियों से लेकर आम जनता तक की महिलाओं ने पुरुषों द्वारा हो रहे शोषण को सबके सामने उजागर किया. आप इस बारे में क्या कहना चाहेंगी?
#MeToo से यह फायदा है की न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में बल्कि छोटे शहरों में भी अब लोगो अपनी किसी सहकर्मी को गलत मैसेज करने से पहले शायद दस बार सोचेंगे. मुझे लगता है की यह एक बहुत ही अच्छी बात है जिससे की महिलाओंको, बच्चों को और पुरुषों को एक बहुतही सुरक्षित और सयंमित वातावरण में जीने और काम करने का मौका मिलेगा.
अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स के बारे में बताए और प्रोजेक्ट्स के चुनाव में आप क्या देखती हैं?
हम ‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ’ का तीसरा सीजन शूट कर रहे है और बहुत ही जल्द यह धारावाहिक टीवी पर होगा. मुझे इस तरह का कोई दूसरा शो या तो मिला नहीं या मैं ढूंढ नहीं पायी जिससे किसीकी ज़िन्दगी पर सकारात्मक प्रभाव पड़े. मैं सिर्फ सस्ता मनोरंजन नहीं करना चाहती हूँ. मैं मनोरंजन के साथ ही ज़िंदगियाँ बेहतर करने के लिए प्रेरणा भी देना चाहती हूँ. जिस दिन इसी तरह की कोई फिल्म या सीरियल में काम करने का मुझे मौका मिलेगा, मैं ज़रूर करुँगी.
क्या आप #MeToo का समर्थन करती हैं? अगर हां तो आपके साथ कभी किसी घटना के बारे में शेयर करना चाहेंगी?
मैं #MeToo का समर्थन करती हूँ. मुझे लगता है की सुरक्षित वातावरण में जीना और काम करना हर इंसान का हक़ है. इसलिए मैं #MeToo का समर्थन करती हूँ. मेरे साथ कभी ऐसी कोई घटना नहीं हुई.