शिक्षित वर्ग करते हैं लड़के और लड़कियों में भेदभाव
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गांव से वीरेंदर गन्धर्व ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि ये पूर्णतः दृष्टिबाधित हैं और अभिलाषा विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।इनका कहना है कि शिक्षित लोगों एवं बड़े पदों पर आसीन लोगों के घरों में भी लड़के-लड़कियों के बीच भेदभाव किया जाता है।जब शिक्षित और सम्मानित वर्ग ही ऐसा करेगा तो अशिक्षित लोगों को हम क्या शिक्षा देंगे ?इस प्रकार जानबूझ कर हम भेदभाव को बढ़ावा दे रहे हैं। पहले भेदभाव करने वाले शिक्षित लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी, बाद में माध्यम वर्ग इनसे सीख लेगा और अपनी सोच बदलेगा।समय के साथ कई लोगों की सोच बदली है, परन्तु इसमें अभी और कार्य होने बाकी है। साधु-संत,लेखक,कवी इत्यादि बुद्धिजीवी वर्ग को भी आगे आना होगा ,क्योंकि जनता और इनके अनुयायी इनकी बातों का अनुसरण करते हैं।साथ ही ऐसी फिल्म बनानी चाहिए जिसे देखकर लोगों की सोच बदले।