धारावाहिक महिलाओं के साथ पुरुषों को भी देती है प्रेरणा
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर गन्धर्व ने मोबाईल माध्यम से बताया कि ये दृष्टिबाधित हैं और अभिलाषा विद्यालय में शिक्षक के पद र कार्य कर रहे हैं।”मैं कुछ भी कर सकती हूँ ” नामक धारावाहिक अति उत्तम है और यह धारावाहिक महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी को प्रेरणा देती है।महिलाओं को मनुष्य समझना चाहिए,क्योंकि जिस प्रकार ग्रहों में धरती सहनशील है,उसी प्रकार मनुष्यों में महिला सहनशील है। सदियों से महिलाएँ अत्याचार और अन्याय को सहती आई हैं तथा कभी भी इसका विरोध नही किया।साथ ही इनका विचार है कि महिलाओं की खामोशी को उनकी कमजोरी नही समझना चाहिए,बल्कि आज समय आ गया है कि मनुष्य होने के नाते उन्हें सभी अधिकार दिए जाएं।यह विडंबना ही है कि आज के समाज में शिक्षित लोगों की संकीर्ण मानसिकता देखने को मिलती है।इस संकीर्ण मानसिकता को बदलना होगा और महिलाओं को इन्सान की तरह जीने के लिए आजाद करना होगा। महिला और पुरुष एक समान हैं एवं दोनों के जरिए ये संसार चल रहा है।अतः ऐसा नही होना चाहिए कि एक को हम उठा कर रखें और दूसरे को दबा कर रखें।