Interview of Ms. Pooonam Muttreja with NDTV
‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ शो की इतनी बड़ी सफलता का श्रेय किसको देना चाहते हैं और क्यों?
इस उपक्रम में कई घटकों का अतुलनीय योगदान रहा है. लेकिन मैं ३ सबसे महत्वपूर्ण घटकों पर रौशनी डालना चाहूंगी:
सबसे पहले में क्रियेटीव्ह डायरेक्टर फिरोज अब्बाज खान और पूरी प्रोडक्शन टीम को पूरा श्रेय देना चाहूंगी. उनके व्दारा निर्मित यह कार्यक्रम मनोरंजन के साथ अलग अलग विषयों पर संदेश देने वाली एक शानदार श्रुंखला है जिसमें पारिवारीक योजना, लिंग चुनाव जैसे विषयों का समावेश है जिस पर आमतौर पर खुल कर चर्चा नहीं की जाती और व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए इसमे मनोरंजन के साथ साथ शिक्षा का भी समावेश किया गया है.
इस कार्यक्रम की सफलता का दूसरा कारण है- इस श्रुंखला में मनोरंजन व शिक्षा पर दुनिया के पर्याप्त सबूत है जिससे सामाजिक मानदंड और स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार बदलनें में सफलता मिली है. और हम बहुत ही भाग्यशाली है की हमें मनोरंजन व शिक्षा पर प्रसिद्ध वैश्विक विशेषज्ञ प्रोफेसर अरविंद सिंघल जी का मार्गदर्शन मिला है.
मैं फिरोज जी और उनकी टीम को इसका पूरा श्रेय देना चाहती हूँ क्योंकी उनहोंने जगह जगह जाकर इस कार्यक्रम के लिए विविध समस्याओं और उनके हलों पर रिसर्च किया है. इसी रिसर्च की वजह से इस कार्यक्रम के किरदार और कहानियां इस हद्द तक सच लगते है.
शो के तीसरे सीजन में आप क्या नया करने वाले हैं?
‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ मनोरंजन पर ध्यान देते हुए, वास्तविक जीवन और सामाजिक गतिशीलता पर रिसर्च करता है. भले ही कथा काल्पनिक हो, सिरीज में हम जो समाधान दिखाते हैं, वे वास्तविक होते है. ऐसे लोगों की कहानियों पर आधारित होते हैं, जिन्होंने अपने जीवन में बदलाव किए हैं या पितृसत्ता, भेदभाव और पूर्वाग्रहों का सामना करते हुए अद्वितीय समाधान दिए हैं. यह सिरीज को असली जीवन और वास्तविकता का एहसास देता है. सीजन 3 में, हम भारत की युवा आबादी तक पहुंचना चाहते हैं. इसलिए, हमारे पास टेलीविज़न नाटक के साथ डिजिटल मीडिया पर बड़ा फोकस है. विश्व स्तर पर अपनी तरह के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित चैटबॉट पर डॉ स्नेहा डिजिटल अवतार में दिखाई देंगी. वे सवालों के जवाब देंगी और दर्शकों के साथ जानकारी साझा करेंगी. अब हम डिजिटल स्पेस पर भी संदेश का विस्तार कर रहे हैं. कहानी पहले से कहीं अधिक मनोरंजक है और डॉ स्नेहा की यात्रा देश के चेहरे को बदलने (या इस नारे की तरह कि- देश का चेहरा बदल दूंगी) के लिए जारी है.
अन्य राज्यों में इस शो का क्या रिस्पांस है?
कार्यक्रम का उद्देश्य महिला अधिकारों, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले मुद्दों, इन पर सामाजिक मानदंडों, दृष्टिकोणों और प्रथाओं को बताना और समाधान देना है. मैं चेंज के असली नायकों की कहानियों पर विचार करता हूं, जो हमारे कार्यक्रम की सफलता के वास्तविक हीरो है. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नयागांव गांव की एक लड़की अपने माता-पिता को कॉलेज भेजने और स्कूल के बाद शादी नहीं करने के लिए मना कर सकी, बिहार की एक युवा महिला अपने समुदाय में जल्दी-जल्दी बच्चा पैदा करने से मना कर के चैंपियन बन गई है, मध्यप्रदेश के एक गांव के एक पुरुष पत्नी को मारने की जगह परिवार नियोजन में पुरुष भागीदारी के चैंपियन बन गए. ऐसी कई और कहानियां हमारी धारणा को मजबूत करती हैं कि कार्यक्रम उन लोगों के साथ गहरा संबंध बनाता है, जो अंडरसर्व्ड है और जिन्हें चेंज एजेंट बनने के लिए शक्तिशाली कहानियों की आवश्यकता है.