धारावाहिक महिलाओं के लिए साबित हुआ है मील का पत्थर

हमारे श्रोता ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि “मैं कुछ भी कर सकती हूँ ” नामक धारावाहिक महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है।वैदिक काल में महिलाओं को कई अधिकार प्राप्त थे,परन्तु धीरे-धीरे समय के साथ इनके अधिकार छीनते गए और महिला एक कठपुतली बन कर रह गई। इनका कहना है कि जमाने के साथ महिलाओं को आगे बढ़ाना है। महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त है,फिर भी दुर्भाग्यवश आज भी महिलाओं को अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। साथ ही श्रोता ने कहा कि इस प्रकार के धारावाहिक महिलाओं को संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं।महिलाओं के हौसले बढ़ाने के लिए इन्होने डाक्टर स्नेहा को धन्यवाद दिया।